पूरे पाकिस्तान में आतंकवाद, अपहरण और सांप्रदायिक हमले के प्रबल खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। एफसीओ परामर्श में कहा गया है, ‘आतंकी पाकिस्तान में हमला कर सकते हैं।
इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर और कराची जैसे शहरों सहित पूरे देश में आतंकवाद, अपहरण और सांप्रदायिक हिंसा का गंभीर खतरा है। छोटी सी चेतावनी पर प्रदर्शन शुरू हो सकते हैं और फिर तुरंत ही हिंसा हो शुरू सकती है। आप प्रदर्शन, लोगों की भीड़ और सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बचें।’
कार्यालय ने कहा है कि पश्चिमी देशों के नागरिकों को सीधे निशाना बनाया जा सकता है। बाजार, शापिंग मॉल, रेस्त्रां और ऐसी जगह जहां विदेशी और पाकिस्तानी सभ्रांत जमा होते हैं, हमले के लिए सबसे संभावित स्थल हैं। वहां की यात्रा के दौरान आप हर समय सतर्क रहें। ब्रिटिश कार्यालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए नियंत्रण रेखा के समीप स्थित इलाकों में जाने से बचने के लिए कहा है।
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