तहलका न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. इस्लाम धर्म की सर्वोच्च संस्थाओं में से एक दारूलउलूम देवबंद ने जाकिर नाईक को धार्मिक रूप से भटका हुआ करार दिया है. इस दारूलउलूम ने मुसलमानों से अपील की है कि वे जाकिर नाईक की बातों पर बिलकुल भी भरोसा न करें क्योंकि उसकी बातें कहीं से भी प्रमाणिक नहीं हैं.
सवालों के जवाब में जारी किए फतवे
दारूलउलूम ने यह बयान, संस्था के पास आए कई सवालों के जवाब में यह फतवे जारी किए हैं. यह फतवे उन संदेशों के जवाब में थे जो दारूलउलूम के पास समय-समय जाकिर नाईक के धार्मिक उपदेशों के संबंध में आए थे. एक फतवे में तो दारूल उलूम ने यहाँ तक कह दिया है कि जाकिर नाईक एक स्वयंभू विद्वान है और उसे कोई इस्लाम के बारे में उपदेश देने का कोई हक़ नहीं है.

अंग्रेजी का वक्ता जो यहूदियों और अंग्रेजों की तरह ड्रेस पहनता है
दारुलउलूम ने 2012 में ही जारी एक फतवे में कह दिया था कि जाकिर नाईक अंग्रेजी का एक स्कॉलर रहा है और वह यहूदियों और अंग्रेजों की तरह कोट-पैंट पहनता है. देवबंद के इस्लामिक धर्मगुरुओं ने यह भी सवाल उठाया कि क्या उसे यहूदियों और अंग्रेजों की तरह कोट-पैंट की प्रेरणा कुरान से मिली है?
धार्मिक रूप से भटका हुआ है, आम मुसलमान भरोसा न करें
इसी तरह 7 अप्रैल, 2009 को जारी एक फतवे में दारूलउलूम ने यह कहा था कि एक आम मुसलमान के लिए अच्छे और बुरे में फर्क करना मुश्किल है, इसलिए वे धार्मिक रूप से भटके हुए जाकिर नाईक की बातों पर बिलकुल भी भरोसा न करें. एक अन्य फतवे में यह भी कहा गया है कि जाकिर नाईक भरोसे के लायक व्यक्ति नहीं है, इसलिए मुसलमानों को उसकी बातों सुनना ही नहीं चाहिए.