यूपी एटीएस ने कानपुर से गिरफ्तार हिजबुल आतंकी कमरुज्जमा को लिया रिमांड पर
आतंकी मिशन अंजाम देने के इरादे से टॉवर इंजीनियर बनकर रह रहा था कानपुर में
तहलका न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. करीब पांच महीने पहले सोशल मीडिया में एके 47 लिए हुए एक शख्स की तस्वीरों ने सुरक्षा एजेंसियों को हरकत में ला दिया था. दरअसल, ये तस्वीरें असम निवासी कमरुज्जमा की थीं. उसने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर पोस्ट कर खुद के आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने का ऐलान भी किया था.
इस मिशन पर था कमर
उत्तर प्रदेश में गणेशोत्सव के मौके पर आतंकी वारदात अंजाम देने की फिराक में एटीएस ने उसे गिरफ्त में ले लिया है. वह सुतरखाना में स्थित सिद्धि विनायक मन्दिर में आतंकी वारदात को अन्जाम देने वाला था. कमरुजमा की मां को जब यह जानकारी हुई तो उसने साफ कहा कि उसे नहीं चाहिए ऐसा बेटा. सरकार को उसे गोली मार देनी चाहिए. सरकार वतन के इस गद्दार की लाश को जानवरों के सामने डाल दे.
मां ने की थी तस्दीक
यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने कमरुज्जमा की गिरफ्तारी के बाद उसकी मां की इस प्रतिक्रिया की जानकारी दी. असीम अरुण के मुताबिक कश्मीर के साथ ही देश के तमाम राज्यों को कमरुज्जमा की तलाश थी. सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर वायरल होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर थीं. सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर की पहचान कमरुज्जमा की मां शाहिरा खातून ने ही की थी. बेटे की वतन के प्रति गद्दारी ने शाहिरा को मदर इंडिया बन गई. उसने कहा था कि हां वह उनका बेटा कमर है. यदि वह दहशतगर्दों के साथ शामिल हो गया है तो सरकार को उसे मार देनी चाहिए और उसकी लाश को जानवरों के सामने फेंक देनी चाहिए. वह वतन का दुश्मन है. शाहिरा ने यह भी कहा था कि ऐसा शख्स जिंदा नहीं रहना चाहिए. कानपुर के चकेरी से गिरफ्तार किए गए कमर के भाई मुफिदुल का कहना है कि अपनी पत्नी और बेटे को वह घर छोड़कर गया था. लेकिन, अब वे उसे अपना भाई नहीं मानते. वह देश का गद्दार है और उसे जिंदा नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि उसे जिंदा तो क्या उसकी लाश को भी वे घर की चौघट नहीं लांघने देंगे.
कश्मीर में किया था कपड़े का कारोबार
जानकारी के मुताबिक चार वर्ष तक कमरुज्जमा विदेश रहा. वहां से लौटने के बाद वह कश्मीर पहुंचा और कपड़े का कारोबार किया. यही से वर्ष 2016 में वह ओसामा के कांटैक्ट में आया. उसने किश्तवाड़ की पहाड़ी पर बकायदा नौ महीने की ट्रेनिंग ली. सोशल मीडिया पर जब उसने अपनी तस्वीर शेयर की तो वह सुरक्षा एजेंसियों की निगाह में आया. कानपुर के चकेरी मोड़ पर कमरुज्जमा ने दो महीने पहले ही किराये पर मकान लिया था. मकान मालिक को उसने खुद के टॉवर इंजीनियर होने की जानकारी दी थी. पहचान पत्र मांगने पर कमरुज्जमा न यह लखनऊ से लाकर देने की बात कही थी. एक महीने का ही उसने मकान मालिक को किराया दिया था, दूसरे महीने का बाकी था. यूपी एटीएस ने 10 दिन के रिमांड पर लेकर कमरुज्जमा से आतंकी नेटवर्क की जानकारी हासिल कर रही है. उल्लेखनीय यह है कि जिस इलाके से कमरुज्जमा को अरेस्ट किया गया है, उसी इलाके में सैफुल्लाह भी किराए पर रह चुका था. सैफुल्लाह को यूपी एटीएस ने दो वर्ष पहले सूबे की राजधानी के ठाकुरगंज इलाके में मार गिराया था.
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